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<poem>
देथि बाटकें झारी बहारि।
कोमल पग नहि पाबए क्लेश,
मन ममता छल भेल विशेष।
ततेक पताल मर्दन कएदेल।
दसमुख सेहो लगौलनि दाओं,
अयश उठा घुरि गेला गाआें।
</poem>
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