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सबको मालूम है मैं शराबी नहीं / अनवर फ़र्रूख़ाबादी
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02:15, 13 नवम्बर 2019
और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ
मुझ को
मैं खुश समझता है
मयकश समझते हैं
सब
बड़ा खुश
वादाकश
क्यूँ के
क्यूँकि
उनकी तरह लड़खड़ाता हूँ मैं
मेरी रग रग में नशा मुहब्बत का है
जो समझ में ना आए तो मैं क्या करूँ
डा० जगदीश व्योम
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