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अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे! / गुलाब खंडेलवाल
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15:06, 28 जुलाई 2009
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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
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अब कहाँ चाँद-सितारे हैं नज़र के आगे!
बस उस तरफ के किनारे हैं नज़र के आगे
Pratishtha
KKSahayogi,
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