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विश्वास का वारिद / अज्ञेय

 रो उठेगी जाग कर जब वेदना,
बहेंगी लूहें विरह की उन्मना,
-उमड़ क्या लाया करेगा हृदय में
सर्वदा विश्वास का वारिद घना?

काशी, 20 अक्टूबर, 1946