http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%A8%E0%A4%BE_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%A4_%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%87_%E0%A4%B9%E0%A5%8B_%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%87_%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82_/_%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%A4_%27%E0%A4%85%E0%A4%A6%E0%A4%AC%27&feed=atom&action=historyवेदना के गीत पूरे हो रहे हैं / अर्पित 'अदब' - अवतरण इतिहास2024-03-29T07:23:10Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%A8%E0%A4%BE_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%A4_%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%87_%E0%A4%B9%E0%A5%8B_%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%87_%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82_/_%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%A4_%27%E0%A4%85%E0%A4%A6%E0%A4%AC%27&diff=242807&oldid=prevRahul Shivay: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्पित 'अदब' |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2018-02-20T13:30:44Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्पित 'अदब' |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
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वेदना के गीत पूरे हो रहे हैं लग रहा है सुर सजाने आओगे तुम,<br />
या कभी दो बात कहने तो नहीं पर कुछ नहीं तो मुस्कुराने आओगे तुम<br />
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मैं नहीं हूँ तुम नहीं हो तो यहाँ फिर आज किसकी आँख का जल में विलय है,<br />
रो दिए हैं कुछ पुराने पत्र यानी ये हमारे प्रेम का अंतिम समय है<br />
इस विरह की भी घड़ी में सोचता हूँ क्या मिलन के गीत गाने आओगे तुम<br />
वेदना के गीत पूरे हो रहे हैं लग रहा है सुर सजाने आओगे तुम<br />
<br />
ये ज़माने को पता है दूर हो पर ये किसे आभास है के तुम यहीं हो,<br />
सिर्फ उतना याद है के मैं कहाँ हूँ और इतना याद है के तुम नहीं हो<br />
ये बताओ तो सही मेरे नहीं पर गीत अपने गुनगुनाने आओगे तुम?<br />
वेदना के गीत पूरे हो रहे हैं लग रहा है सुर सजाने आओगे तुम <br />
</poem></div>Rahul Shivay