Last modified on 30 मार्च 2017, at 11:21

वे कभी राजा नहीं होते / कर्मानंद आर्य

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:21, 30 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कर्मानंद आर्य |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जो सत्य, अहिंसा, अस्तेय
अपरिग्रह की बात करते हैं
जो माया की बात करते हैं
जो ईश्वर विश्वासी होते हैं
जिन्हें आता नहीं छल छद्म
जो कर देते हैं अकारण क्षमा
वे कभी नायक नहीं होते
वही लोग पैदा करते हैं
दुनिया में नरक

नरक भक्तों की देन है!
जानता है भगवान