Changes

मैं जा रहा हूँ हमेशा के वास्ते घर से
पता नहीं मुझे लगता है कुछ उजड़ता हुआ वो कोई और नहीं दोस्तो अँधेरा हैदीयासिलाई जला कर खड़ा है हँसता हुआ..
</poem>