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"वो जब अपनी ख़बर दे है / गौतम राजरिशी" के अवतरणों में अंतर
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वो जब अपनी ख़बर दे है | वो जब अपनी ख़बर दे है | ||
− | जहाँ भर का असर दे है | + | जहाँ भर का असर दे है |
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+ | रगों में गश्त कुछ दिन से | ||
+ | कोई आठों पहर दे है | ||
चुराकर कौन सूरज से | चुराकर कौन सूरज से | ||
− | + | यूं चंदा को नज़र दे है | |
− | है | + | ये रातों की है नक्काशी |
− | जो | + | जो सुबहों में कलर दे है |
− | कहाँ है | + | कहाँ है ज़ख्म औ' हाकिम |
− | + | भला मरहम किधर दे है | |
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ज़रा-सा मुस्कुरा कर वो | ज़रा-सा मुस्कुरा कर वो | ||
− | + | नयी मुझको उमर दे है | |
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+ | तुम्हारे हुस्न का रुतबा | ||
+ | मुहब्बत को हुनर दे है | ||
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− | + | (द्विमासिक आधारशिला, जनवरी-फरवरी 2009) |
20:10, 12 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
वो जब अपनी ख़बर दे है
जहाँ भर का असर दे है
रगों में गश्त कुछ दिन से
कोई आठों पहर दे है
चुराकर कौन सूरज से
यूं चंदा को नज़र दे है
ये रातों की है नक्काशी
जो सुबहों में कलर दे है
कहाँ है ज़ख्म औ' हाकिम
भला मरहम किधर दे है
ज़रा-सा मुस्कुरा कर वो
नयी मुझको उमर दे है
तुम्हारे हुस्न का रुतबा
मुहब्बत को हुनर दे है
(द्विमासिक आधारशिला, जनवरी-फरवरी 2009)