Last modified on 27 जनवरी 2016, at 02:10

व्यक्ति बनाम तंत्र / अर्पण कुमार

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:10, 27 जनवरी 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वह बेहद कमजोर इंसान था
मगर कुछ परिस्थितियों के तहत
व्यवस्था उसके अनुकूल हो गई है
अब वह
सब पर शासन करना
चाहता है
मैं यह सब देख
और सोच रहा हूँ

उसे परास्त / चुप करने के लिए
पहले उसका तंत्र
दुर्बल करना होगा |