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शंकरलाल द्विवेदी / परिचय

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श्री द्विवेदी को ईश-कृपा से दो पुत्र-रत्नों की प्राप्त हुई। सम्प्रति ज्येष्ठ पुत्र श्री आशीष द्विवेदी पी.बी.ए.एस. इंटर कॉलेज, हाथरस में गणित शिक्षक के पद पर आसीन हैं तथा कनिष्ठ पुत्र श्री राहुल द्विवेदी, दिल्ली पब्लिक स्कूल, विन्ध्यनगर, जनपद सिंगरौली (म.प्र.) में हिंदी शिक्षक के पद पर आसीन हैं।
श्री द्विवेदी के अभिन्न मित्र एवं नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा के उपाध्यक्ष रहे सुकवि स्व. चौधरी सुखराम सिंह के अनुसार वे उत्कृष्ट खिलाड़ी के रूप में भी प्रतिष्ठित थे। वॉलीबॉल, कबड्डी तथा कुश्ती के खेल उन्हें अत्यंत प्रिय थे।
हिंदी के उत्कृष्ट मनीषी रहे श्री द्विवेदी जीविकोपार्जन हेतु अनेक संस्थाओं से सम्बद्ध रहे। उन्होंने स्नातकोत्तर के पश्चात् सन १९६६ में एक-वर्ष तक आगरा कॉलेज, आगरा तदोपरांत आर. बी. एस. महाविद्यालय, आगरा में हिंदी-अध्यापन कार्य किया। इसके पश्चात् वे सन १९६६ से सन १९७१ तक के. एल. जैन इंटर कॉलेज, सासनी, जनपद- अलीगढ (उ.प्र.) [वर्तमान में जनपद-हाथरस] में हिंदी प्रवक्ता के रूप में कार्यरत रहे। सन १९७१ में के. एल. जैन इंटर कॉलेज, सासनी से त्यागपत्र दे कर वे श्री ब्रज-बिहारी डिग्री कॉलेज, कोसीकलां, जनपद-मथुरा (उ.प्र.) में हिंदी प्रवक्ता पद पर आसीन हुए तथा अग्रिम श्री ब्रज-बिहारी डिग्री कॉलेज, कोसीकलां में ही उन्होंने हिंदी विभागाध्यक्ष का दायित्व ग्रहण किया।
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