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"शंकरसिंह राजपुरोहित / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=शंकरसिंह राजपुरोहित
 
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}}<poem>'''शंकरसिंह राजपुरोहित''' 12 सितम्बर 1969 को पाली जिले के आऊवा गाँव में जन्मे राजपुरोहित वर्तमान में खादी मन्दिर, बीकानेर के गाँधी शोध प्रतिष्ठान में सेवारत हैं। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से राजस्थानी में स्नातकोत्तर परीक्षा स्वर्ण-पदक के साथ उत्तीर्ण राजपुरोहित को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार (1996) "सुण अरजुण" व्यंग्य संग्रह पर मिल चुका है। इससे पूर्व इन्हें इसी अकादमी का प्रथम भत्तमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार (1989) प्रदान किया गया। राजस्थानी भाषा में उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें राव बीकाजी संस्थान द्वारा राजस्थानी साहित्य पुरस्कार (2003) तथा नगर विकास न्यास, बीकानेर द्वारा राजस्थानी पीथळ पद्य पुरस्कार (2006) से भी नवाजा जा चुका है।
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}}<poem>'''शंकरसिंह राजपुरोहित''' जन्म 12 सितम्बर 1969 पाली जिले के आऊवा गाँव में। राजपुरोहित वर्तमान में खादी मन्दिर, बीकानेर के गाँधी शोध प्रतिष्ठान में सेवारत हैं। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से राजस्थानी में स्नातकोत्तर परीक्षा स्वर्ण-पदक के साथ उत्तीर्ण राजपुरोहित को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार (1996) "सुण अरजुण" व्यंग्य संग्रह पर मिल चुका है। इससे पूर्व इन्हें इसी अकादमी का प्रथम भत्तमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार (1989) प्रदान किया गया। राजस्थानी भाषा में उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें राव बीकाजी संस्थान द्वारा राजस्थानी साहित्य पुरस्कार (2003) तथा नगर विकास न्यास, बीकानेर द्वारा राजस्थानी पीथळ पद्य पुरस्कार (2006) से भी नवाजा जा चुका है।
  
 
साहित्य अकादमी द्वारा विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए घोषित पुरस्कारों में राजपुरोहित द्वारा मैथिली के कथाकार साकेतानन्द की राजस्थानी में अनूदित कृति ‘गणनायक’ वर्ष 2005 में प्रकाशित हुई थी को 2010 का राजस्थानी अनुवाद पुरस्कार । राजपुरोहित ने हिन्दी के प्रख्यात उपन्यासकार स्व. कमलेश्वर के वृहद् उपन्यास ‘कितने पाकिस्तान’ का भी राजस्थानी में अनुवाद किया है, जो साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है।</poem>
 
साहित्य अकादमी द्वारा विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए घोषित पुरस्कारों में राजपुरोहित द्वारा मैथिली के कथाकार साकेतानन्द की राजस्थानी में अनूदित कृति ‘गणनायक’ वर्ष 2005 में प्रकाशित हुई थी को 2010 का राजस्थानी अनुवाद पुरस्कार । राजपुरोहित ने हिन्दी के प्रख्यात उपन्यासकार स्व. कमलेश्वर के वृहद् उपन्यास ‘कितने पाकिस्तान’ का भी राजस्थानी में अनुवाद किया है, जो साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है।</poem>

20:34, 31 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

शंकरसिंह राजपुरोहित जन्म 12 सितम्बर 1969 पाली जिले के आऊवा गाँव में। राजपुरोहित वर्तमान में खादी मन्दिर, बीकानेर के गाँधी शोध प्रतिष्ठान में सेवारत हैं। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से राजस्थानी में स्नातकोत्तर परीक्षा स्वर्ण-पदक के साथ उत्तीर्ण राजपुरोहित को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार (1996) "सुण अरजुण" व्यंग्य संग्रह पर मिल चुका है। इससे पूर्व इन्हें इसी अकादमी का प्रथम भत्तमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार (1989) प्रदान किया गया। राजस्थानी भाषा में उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें राव बीकाजी संस्थान द्वारा राजस्थानी साहित्य पुरस्कार (2003) तथा नगर विकास न्यास, बीकानेर द्वारा राजस्थानी पीथळ पद्य पुरस्कार (2006) से भी नवाजा जा चुका है।

साहित्य अकादमी द्वारा विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए घोषित पुरस्कारों में राजपुरोहित द्वारा मैथिली के कथाकार साकेतानन्द की राजस्थानी में अनूदित कृति ‘गणनायक’ वर्ष 2005 में प्रकाशित हुई थी को 2010 का राजस्थानी अनुवाद पुरस्कार । राजपुरोहित ने हिन्दी के प्रख्यात उपन्यासकार स्व. कमलेश्वर के वृहद् उपन्यास ‘कितने पाकिस्तान’ का भी राजस्थानी में अनुवाद किया है, जो साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है।