Last modified on 7 जुलाई 2010, at 03:51

शब्दों के घाव / राजेश कुमार व्यास

चुन-चुन कर
फेंक दिए हमने
सभी अक्षर
अंधे कुओं में।
भाषा के चेहरे पर
इसी से लगे हैं
शब्दों के घाव।