Last modified on 26 मार्च 2009, at 10:53

शब्द / महेन्द्र गगन

कहने को
शब्द नहीं
यूँ ही नहीं
गढ़ा होगा मुहावरा

सचमुच
कुछ ऎसा होता है
जो शब्दों से कहने में
छूटता है

जब भी पाते हैं
कुछ ऎसा है
जो निःशब्द है
उसे शब्दों में कितना ही कहो
अनुभव में आता यही
वह छूट गया
जिसे कहने को
गढ़े थे शब्द