http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%A6_%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B2_/_%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7&feed=atom&action=history
शरद कुंडल / अनिरूद्ध - अवतरण इतिहास
2024-03-29T15:37:38Z
विकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहास
MediaWiki 1.24.1
http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%A6_%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B2_/_%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7&diff=248267&oldid=prev
Sharda suman: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनिरूद्ध |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBhojpur...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
2018-05-17T09:13:01Z
<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनिरूद्ध |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBhojpur...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
{{KKRachna<br />
|रचनाकार=अनिरूद्ध<br />
|अनुवादक=<br />
|संग्रह=<br />
}}<br />
{{KKCatBhojpuriRachna}}<br />
<poem><br />
खंजन रितु दूत नयन अंजन सुखदाई<br />
उतरल चढ़ हंस शरद स्वागत अगुआई॥<br />
महके झर हरसिंगार, भिनुसहरा प्यारा<br />
लाल तली चाँदी, कनफूल कि सितारा॥<br />
पथ खुले दसो दुआर पंथी अगराइल<br />
सोखे संताप शरद, व्याधि सीा पराइल॥<br />
बाजे चुलबुल बिहान, प्राती धुन वीणा<br />
भोर लुटावे बिंदिया रात के नगीना॥<br />
खिलल कास पावस नभ धो चले बुढ़ाए<br />
निरमल नभ नील नयन माटी मुसुकाए॥<br />
फुदुक-फुदुक पंछी वन प्रान में समाइल<br />
रितु-राधा अँखियन, घनश्याम अब लुकाइल॥<br />
दुधिया चुनरी कुंडल कनक किरन झूले<br />
नीलम नभ छत्र घाम पियरी कटि भूले॥<br />
हिमकन मोती माला, शीत बरे हीरा<br />
नाचत घुँघरू टूटल, भोर लगे मीरा॥<br />
चमकत जल-देश रहे, मीन-मन पिरितिया<br />
अनगिन अँखिया नहाय, दूध से धरतिया॥<br />
नील रतन जल चाँदी दरपन जड़ जाए<br />
गगन उतारे नदिया, ताल उतर जाए॥<br />
बिछुड़ल घनश्याम, लोर-भुँइ जसुदा माई<br />
बा झरल पसेना-मनि मेहनत-गुन गाईं॥<br />
फुर-फुर उडत्र जाय विहग, नयन अँटकि जाए<br />
टिटिकारत बैलन के कवन झटकि जाए॥</poem></div>
Sharda suman