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शहर - 4 / रुस्तम

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इस बाल्कोनी के नीचे से
इस गली में से
दुलकी चाल में गुज़रेंगे
नीली पीठों वाले घोड़े

ख़ाली शहर उनकी टापों से नहीं गूँज रहा होगा

एक स्वप्न के आलोक में
— इसी
बाल्कोनी से —
उनमें से एक
उन्हें देखेगा
एक अन्य स्वप्न में विलीन होते हुए