शहर सुबह-सुबह
फैला देता है अपने डैने
पत्थरों से निचोड़ता है एक गीत
और गाता है ।
शाम को वही शहर
सोने चला जाता है,
उसके सिर के ऊपर
लटकती हैं बत्तियाँ ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य
शहर सुबह-सुबह
फैला देता है अपने डैने
पत्थरों से निचोड़ता है एक गीत
और गाता है ।
शाम को वही शहर
सोने चला जाता है,
उसके सिर के ऊपर
लटकती हैं बत्तियाँ ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य