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शहीद के पाती / सरोज सिंह

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साथी हो
जब हमरा के घरे ले जईबs
समूचा गांव दुआरी पे पइबs
जाहिर बा हमरा के देख के माई
अन्हरीआईल चौखट प भहरा जाई
हमरा माई के तू अकवारी में धइ लिहs
छाती पीट के जब उ रोये लागी
हमार वर्दी से तू छाती उनकर ढक दीहs
साथी हो
जब हमरा के घरे ले जईबs
समूचा गांव दुआरी पे पइबs

जाहिर बा उहो दऊर के दुआरी ले आई
माथ के लह लह सेनूर पोछा जाई
रोअल कलsपल हमरा से न देखल जाई
चूड़ी वाला हाथ जब उ पटके लागी
तू जल्दी से हमार चिठ्ठीया ओकर हाथ प धइ दीहs
साथी हो
जब हमरा के घरे ले जईबs
समूचा गांव दुआरी पे पइबs

जाहिर बा बाबू के लोराईल अंखिया
हमरा लगे आवे खातिर छड़ी जोहे लागी
तू उनकर छड़ी बन,हमरा लगे ले अइहs
जब गरब से उनकर हाथ माथ प सेल्यूट के जाई
तू धीरे से हमार टोपी उनका के पहिरा दीहs
साथी हो
जब हमरा के घरे ले जईबs
समूचा गांव दुआरी पे पइबs
जाहिर बा उ बुचकुन इस्कूले से लवटल होइ
दुआरी प भीड़ देख के उ भकुआई
लगे आके उ जब धीरे से हमार ताबूत खोली
पापा के नींन से जगावs मम्मी उ बोली
तू धीरे से हमार जूता ओकरा के पहिरा दीहs
साथी हो
जब हमरा के घरे ले जईबs
समूचा गांव दुआरी पे पइबs
देखिहs ओ लो के फेर एतना हिम्मत आ जाई
एगो माँई फेर आपन बेटवा के वीर सैनिक बना पाई
सगरो गांव-देस ओहपर नाज़ खाई।