भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शायद / एरिष फ़्रीड / प्रतिभा उपाध्याय

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:56, 14 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एरिष फ़्रीड |अनुवादक=प्रतिभा उपा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

स्मरण,
है यह
शायद
सबसे पीड़ाप्रद तरीका
भूल जाने का,

और शायद
सबसे सुखदायी तरीका
मिटाने का
इस पीड़ा को।।