Last modified on 14 दिसम्बर 2018, at 22:13

शिक्षा का परचम / रजनी तिलक

तू पढ़ महाभारत
न बन कुन्ती, न द्रोपदी।

पढ़ रामायण
न बन सीता, न कैकेयी।

पढ़ मनुस्मृति
उलट महाभारत, पलट रामायण।

पढ़ कानून
मिटा तिमिर, लगा हलकार।

पढ़ समाजशास्त्र, बन जावित्री
फहरा शिक्षा का परचम।