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शिव जी हीरो बनोॅ हो-10 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'

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राग देसी-दादरा

सिरी राम लखन दोनों भइया हे अइलै देखै लॅ मिथिला नगरिया हे।।
नील कमल सम राम मनोहर, कोटिक मदन लजैया हे।। अइलै.।।
कमल नयन मकरा कृत कुंडल, हाथोॅ में लेलें धनुहिया हे।। अइलै.।।
लखन लाल के गौर बरन तन, अनुचर राम रमैया हे।। अइलै.।।
सिय अनुरूप राम सखि दुल्हा, अनुपम मोहनी मुरतिया हे।। अइलै.।।

दादरा

रामजी के सुन्दर सुन्दर सुरतिया हे
अइलै फूलोॅ लॅ बगिया।।
मोही लेलक मोहनी मुरतिया हे।। अइलै फूलोॅ.।।
मोर मुकुट पीताम्बर पिन्हलें
आबी गेलै मिथिला नगरिया हे।।अइलै.।।
कमल नयन सखि श्याम बरन तन
मदन मनोहर मुरतिया हे।। अइलै.।।
गौरी पूजै के फोॅल सिया पैभॅ
मिलथौं तोरा मनबसिया हे।। अइलै.।।
राम लला सुनोॅ हमरोॅ अरजिया
ॅलालोॅॅ के हरी लॅ बिपतिया हे।। अइलै.।।

ताल दीपचन्दी

कहां तों लगैल्हे एत्ते देरी हे दयानिधि।।
कैन्हें तो ,, ,, ,, ,, कृपानिधि।।
अबला नारी के प्रभु लाज बचावोॅ
विनती करैछी कर जोरी हे दयानिधि।।
दुष्ट दुशासन चीन खिंचैछै
हंस्सैछै कौरव हेरी हेरी हे दयानिधि।।
पांचों पति के यहाँ कुछ नै चलैछै
बैठलोॅ छै सभ्भे हारी पारी हे दयानिधि।।
द्रौपदी दुखिया के दीन बचन सुनि
बसन सरूप भेलै हेरी हे दयानिधि।।
खींची खींची हारी गेलै दुष्ट दुशासन
सारी के तॅ भेलै ढेरी ढेरी हे दयानिधि।।
लालोॅॅ कॅ प्रभु एक तोरे भरोसा
आबोॅ पत राखोॅ गिरिधारी हे दयानिधि।।