फागुआ दादरा
बिरज के बसिया सवरिया हो मारैछै पिचकरिया।।
रास रचैया जी रसिया संवरिया मारैछै पिचकरिया।।
ग्बाल बाल संग रंग खेलैछै
नटखट कृष्ण कन्हैया हो मारैछै पिचकरिया।।
गोपी के बंहिया धरी पकड़ी केॅ
मलैछै मुंहोॅ में सखि रोरिया हो मारैछै पिचकरिया।।
अबिर गुलाल के धूम गली में
लाल बिरज के नगरिया हो मारैछै पिचकरिया।
फागुन-दादरा
नारी बनाबोॅ किसुन रसिया केॅ।।
किसुन रसिया केॅ बिरज बसिया केॅ।
सभ्भे सखि मिलि साड़ी पिन्हाबोॅ
चोली पिन्हाबोॅ किसुन रसिया केॅ।।
बेंदी भाल नयन बिच काजर
चूड़ी पिन्हाबोॅ किसुन रसिया केॅ।।
मोर पंख बनमाल उतारी केॅ
नेकलेस पिन्हाबोॅ किसुन रसिया केॅ।।
घुंघरु पिन्हाबोॅ नथिया पिन्हाबोॅ
नाच नचाबोॅ किसुन रसिया केॅ।।
फगुआ में सखि सब कसर निकालोॅ
पतुरिया बनाबोॅ किसुन रसिया केॅ।।