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शीत युद्ध है छिड़ा( हाइकु) /रमा द्विवेदी

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१-दरकी धरा

शीत युद्ध है छिड़ा

रिश्तों के बीच |



२-आँख है नम

दोस्त हैं सब वे ही

प्यार है कम |



३-चंद कतरे

टपक कर गिरे

क्या-क्या न कहें ?



४-अनाम रिश्ते

आत्मा से चुने जाते

जिस्म से नहीं |



५-वजूद मेरा

हुक्म चले उनका

बेढब बात |