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"शुद्ध जब विचार बा / सूर्यदेव पाठक 'पराग'" के अवतरणों में अंतर

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13:35, 30 मार्च 2015 के समय का अवतरण

शुद्ध जब विचार बा
सब जगह दुलार बा

आँख खोल के चलीं
ना कहीं अन्हार बा

मन वसन्त बा अगर
हर घड़ी बहार बा

झूठमूठ नाज बा
जिन्दगी उधार बा

नाव जब बढ़त चलल
दूर कब किनार बा

लेखनी चलत रहल
आ रहल निखार बा