Last modified on 8 जनवरी 2012, at 22:46

शुभ लड़ाई के सही आग़ाज़ की बातें करें / बल्ली सिंह चीमा

शुभ लड़ाई के सही आग़ाज़ की बातें करें ।
आ ज़मीं से उठ रही आवाज़ की बातें करें ।

तेज़ औ’ तीखा जो होता जा रहा है दिन-ब-दिन,
सर्वहारा के उसी अन्दाज़ की बातें करें ।

पर कटे हैं फिर भी वो तो उड़ रहा है शान से,
सीने में उसके जी रही परवाज़ की बातें करें ।

बुर्जुआ नायक की नकली दास्ताँ मत छेड़ तू,
आ किसी पावेल-से जाँबाज़ की बातें करें ।