Last modified on 16 जुलाई 2009, at 20:33

शुमार-ए सुबह मरग़ूब-ए बुत-ए-मुश्किल पसंद आया / ग़ालिब

Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:33, 16 जुलाई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ग़ालिब }} Category:ग़ज़ल <poem> शुमार-ए सुबह मरग़ूब-ए बुत-...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

शुमार-ए सुबह मरग़ूब-ए बुत-ए-मुश्किल पसंद आया
तमाशा-ए बयक-कफ़ बुरदन-ए सद दिल पसंद आया

ब फ़ैज़-ए बे-दिली नौमीदी-ए जावेद आसां है
कुशायिश को हमारा `उक़द-ए मुश्किल पसंद आया

हवा-ए सैर-ए गुल आईना-ए बे-मिहरी-ए क़ातिल
कि अंदाज़-ए ब ख़ूं-ग़लतीदन-ए बिस्मिल पसंद आया

रवानियाँ -ए मौज-ए ख़ून-ए बिस्मिल से टपकता है
कि लुतफ़-ए बे-तहाशा-रफ़तन-ए क़ातिल पसंद आया

असद हर जा सुख़न ने तरह-ए बाग़-ए-तज़ डाली है
मुझे रंग-ए बहार-ईजादी-ए बेदिल पसंद आया