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शुरू शुरू में काम हो कोई / अशेष श्रीवास्तव

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शुरू शुरू में काम हो कोई
मुश्किल लगता है
नन्हे बच्चे को चलने में
समय तो लगता है...

अभी शुरू और अभी खतम हो
कैसे मुमकिन है
मीलों मीलों लंबा रस्ता
समय तो लगता है...

झूठ की चाल तो बहुत तेज है
लेकिन तय है गिरना
तय है जीतना सच का लेकिन
समय तो लगता है...

नफरत में तो ख़ूब जले अब
प्यार जगाना है
ऊँची लपटों को बुझने में
समय तो लगता है...

रोप दिया है प्यार का पौधा
आपके आँगन में
नयी ज़मीं पर पलना बढ़ना
समय तो लगता है...

दुनियाँ से तो ख़ूब मिले अब
खुद से मिलना है
खुद को ढूँढना ख़ुद को जानना
समय तो लगता है...