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"शोर / विष्णु नागर" के अवतरणों में अंतर

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मेरे भीतर इतना शोर है
 
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कि चुप रहे तो गए।
 
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16:59, 26 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण

मेरे भीतर इतना शोर है

कि मुझे अपना बाहर बोलना

तक अपराध लगता है

जबकि बाहर ऐसी स्थिति है

कि चुप रहे तो गए।