भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शौर्य-वीर्य-‌ऐश्वर्य अतुल माधुर्य / हनुमानप्रसाद पोद्दार

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:39, 9 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शौर्य-वीर्य-‌ऐश्वर्य अतुल माधुर्य दिव्य सौन्दर्य-निधान।
नित्य सच्चिदानन्द दिव्य शुचितम गुणगण-सागर भगवान॥
धैर्य परम, गाम्भीर्य सरस, सौशील्य सहज, औदार्य महान।
शरणागत-वात्सल्य, साय, कारुण्य, स्थैर्य, चातुर्य, अमान॥
सत्य, अहिंसा, मृदुता, आर्जव, ज्ञान, तेज, बल, बुद्धि ललाम।
नमस्कार पद-पद्मोंमें जो गुणनिधि अतुल राम-से राम॥