श्यामली के श्याम वर्ण, कुंडल बिराजै कर्ण, तनपर पीत वस्त्र लगे द्युतिमान हैं।
छिटके घटा से केस, नासिका सँवारे बेस, मद से छकी की देखो! मीठी मुसकान है।
कज्जल नयन कारे, अधर भी अरुणारे, योगी यति मुनि सब, करते बखान हैं।
चंचल चपल नार, यौवन युगल भार, ख़ुद में निमग्न देखो, खुद का न भान है।