मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
श्यामल पहुनमा बिनु निन्दियो ने भावे, सुनू हे सजनी
मनमा चोरौने नेने जाय
नीको नहि लागे मोरा, दिन और रतिया, सुनू हे सजनी
दुअरो अंगनमा ने सोहाय
सीया जी के पाबी भेल, मोन परसनमा, सुनू हे सजनी
भेलथिन विधाता बड़ सहाय
लतिका स्नेह गाबे, किछुओ ने भावे, सुनू हे सजनी
प्रभु पर सँ दिल नहि जाय, सुनू हे सजनी