भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

श्यामा चिड़िया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्यारे बच्चों! श्यामा चिड़िया
मीठा गाना गाती है
काला रंग है इसलिए यह
श्यामा ही कहलाती है
पौधों की डाली पर बैठी
खूब फुदकती रहती है
नन्हीं चिड़िया झूल-झूल कर
गाना गाती रहती
इसे पकड़ना चाहोगे तो
नहीं पकड़ में आ पायेगी
तुम्हें पास आते देखेगी
झट ऊपर ही उड़ जायेगी