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"श्री विनोदानन्द स्वर्गवास तिथि / शब्द प्रकाश / धरनीदास" के अवतरणों में अंतर

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सतरहसौ एकतीस, भवो सम्वत्सर सोमी। कृष्ण पच्छ परतच्छ, सुभग श्रावन तिथि नौमी॥
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जँज गृन्द जग जोति विदित, देवनको देवतर। अंअगृन्त असुरन सँहार, भक्तन अनंदकर।
करि विचार भृगुवार, विनोदानन्छ पधारे। सुरनर मुनि गन्धर्व अप्सरन आरति बारे॥
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तं तृगृन्द तरनी सेतेज, शिव शक्ति महावल। हं हगृन्द हरि हरत कष्ट, हेरत जो एक पल॥
सिगरे वाल गोपाल कँह, अगुमन आसिरवचन दिहु।
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धं धगृन्द धरनी कहै, विनय मानि दाया करो।
चढ़ि तवमान शिर मुकट धरि, आप गवत निज भवन किहु॥20॥
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क्षं क्षगृन्द क्षमि चूक को, दरस देहु माया हरो॥21॥
 
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22:17, 21 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

जँज गृन्द जग जोति विदित, देवनको देवतर। अंअगृन्त असुरन सँहार, भक्तन अनंदकर।
तं तृगृन्द तरनी सेतेज, शिव शक्ति महावल। हं हगृन्द हरि हरत कष्ट, हेरत जो एक पल॥
धं धगृन्द धरनी कहै, विनय मानि दाया करो।
क्षं क्षगृन्द क्षमि चूक को, दरस देहु माया हरो॥21॥