भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

श्रेणी:बाल-कविताएँ

769 bytes removed, 06:39, 9 मार्च 2013
[[जब सूरज जग जाता है /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] {{KKGlobal}}कविता कोश में संकलित बच्चों के लिये रचित काव्य में से अधिकतर की कड़ियाँ नीचे दी गयी हैं।
 {{KKRachna /रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ }} आँखें मलकर धीरे-धीरे <brtable style="width:100%"सूरज जब जग जाता है ।<brtrसिर पर रखकर पाँव अँधेरा <brtd>* [[चिड़ियों का बाज़ार]]चुपके से भग जाता है ।<br>* [[आ जा री निंदिया आ जा (लोरी)]]* [[चंपा और चमेली]]हौले से मुस्कान बिखेरी <br/tdपात सुनहरे हो जाते ।<br/trडाली-डाली फुदक-फुदक कर<br> सारे पंछी हैं गाते ।<br> थाल भरे मोती ले करके<br> धरती स्वागत करती है ।<br> नटखट किरणें वन-उपवन में<br> खूब चौंकड़ी भरती हैं ।<br> कल-कल बहती हुई नदी में <br> सूरज खूब नहाता है<br> कभी तैरता है लहरों पर<br>  डुबकी कभी लगाता है ।<br>>>>>>>>>>>>>/table>