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"षडयन्त्र-साधकों से / मनोज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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तुम भी साधक हो
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साधक हो तुम!
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श्रमशील साधक!
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गुहा-कंदराओं में
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दीन-दुनिया
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और घर-द्वार से दूर
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धूनी रमाए ध्यानरत हो तुम!
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सृष्टि-विसर्जन के लिए
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स्वयं को संसाधित करने में
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तुमने भी पढ़े हैं
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ज्ञान-विज्ञान
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दर्शन-पुराण
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कर्म और धर्म-शास्त्र
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परम सत्य की खोज में.

12:43, 22 जुलाई 2010 के समय का अवतरण


षडयन्त्र-साधकों से

तुम भी साधक हो
हां, साधक हो
कहा ना!
साधक हो तुम!
श्रमशील साधक!

गुहा-कंदराओं में
दीन-दुनिया
और घर-द्वार से दूर
धूनी रमाए ध्यानरत हो तुम!
सृष्टि-विसर्जन के लिए
स्वयं को संसाधित करने में

तुमने भी पढ़े हैं
ज्ञान-विज्ञान
दर्शन-पुराण
कर्म और धर्म-शास्त्र
परम सत्य की खोज में.