http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4_%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%A8%E0%A5%87_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A4%A8%E0%A4%A6_/_%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%B2_%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A4%B2&feed=atom&action=historyसंत बनने की सनद / नील कमल - अवतरण इतिहास2024-03-28T16:34:03Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4_%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%A8%E0%A5%87_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A4%A8%E0%A4%A6_/_%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%B2_%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A4%B2&diff=119469&oldid=prevअनिल जनविजय: नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नील कमल |संग्रह=हाथ सुंदर लगते हैं / नील कमल }} {{KKCatKa…2011-06-04T19:52:48Z<p>नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नील कमल |संग्रह=हाथ सुंदर लगते हैं / नील कमल }} {{KKCatKa…</p>
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|रचनाकार=नील कमल<br />
|संग्रह=हाथ सुंदर लगते हैं / नील कमल <br />
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{{KKCatKavita}}<br />
<poem><br />
जो संत नहीं, वे ही बनाते हैं संत<br />
वेटिकन के कारख़ाने में<br />
ईश्वरीय आशीर्वाद का प्रसाद बाँटते पोप<br />
<br />
पोप के हाथ में सनद<br />
सनद मे मोनिका, मोनिका में भारत<br />
भारत जुड़ता है वेटिकन से<br />
<br />
संत बनने की पहली सीढ़ी<br />
चढ़ती हैं मदर टेरेसा मृत्यु के बाद<br />
<br />
इस तारीख़ में धूसर रहेंगी<br />
जॉर्ज बुश से लेकर दाऊद इब्राहिम तक की ख़बरें<br />
<br />
बिसरा दी जाएँगी इस तारीख़ में<br />
सुष्मिता विश्वास, विकास कर्मकार की मौत की ख़बरें<br />
<br />
शायद न पहुँचे वेटिकन तक<br />
वाजपेयी का बयान, इस तारीख़ में<br />
<br />
किसी भी संत के क़द से बड़े क़द वाली<br />
आत्मा को भला क्या फ़र्क पड़ता है<br />
संत कहलाने से<br />
<br />
वेटिकन में कारख़ाना चालू है<br />
कारख़ाने से पैदा संत के लिए ज़रूरी है<br />
चमत्कारी और अतिमानवीय होना<br />
<br />
मोनिका तभी तो चमत्कार से होती है दो-चार<br />
मदर टेरेसा की तस्वीर करती है वह काम<br />
न कर पाए जो दवा-दारू<br />
<br />
वेटिकन में चालू है कारख़ाना<br />
और दुनिया के सामने है सवाल<br />
फ़र्क किसे पड़ता है<br />
दुनिया में एक और संत पैदा होने से<br />
<br />
शायद वह मोनिका है<br />
शायद वह सेलकू है<br />
शायद वह गोपीनाथ है<br />
<br />
मोनिका के कच्चे घर की छत पर<br />
चमचमाती टिन कह रही है कुछ<br />
<br />
मोनिका संत बनने की सनद है<br />
सनद है इसलिए संत के क़रीब है<br />
मोनिका हवाई-यात्रा पर है इस तारीख़ में<br />
और सड़कों पर है<br />
मोनिका जैसे आदिवासियों का जुलूस<br />
<br />
मदर टेरेसा के शहर में<br />
जुलूसों पर लगी है रोक, इस तारीख़ में<br />
<br />
कोई कहता है<br />
मोनिका पोप के बगल में<br />
संत बनने की सनद है<br />
<br />
सनद होती है आख़िरकार<br />
महज एक दस्तावेज़ ।<br />
</poem></div>अनिल जनविजय