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सत्यता की सनद कीजिये / शिव ओम अम्बर

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सत्यता की सनद कीजिये,
शब्द को उपनिषद् कीजिये।

सृष्टि ये नित्य साकेत है,
दृष्टि अपनी विशद कीजिये।

रह सकें मित्र भी, शत्रु भी,
हद हृदय की वृहद् कीजिये।