भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सत्यवादी / मुंशी रहमान खान

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:40, 13 अगस्त 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुंशी रहमान खान |अनुवादक= |संग्रह= ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तन मन बदलै जीव का बदलै सम्‍वत वार।
बदलै नृप कानून जग बदलै सागर धार।।
बदलै सागर धार बदल जाय मानुष कहिकर।
बदलै जाय संसार बदल जाय सरिता बहिकर।।
कहैं रहमान रेख नहिं बदलै प्रकृति न बदलै सज्‍जन।
सत्वादी बदलैं नहीं अर्पण कर दें धन तन।।