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सदस्य वार्ता:चंद्र मौलेश्वर

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चंद्र मौलेश्वर जी,

नमस्कार,

कृपया नीचे दिये गये लिंक के ज़रिये एक ख्वाब और / अली सरदार जाफ़री नामक रचना में मैनें जो बदलाव किये हैं उन्हें देखें।

http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%8F%E0%A4%95_%E0%A4%96%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AC_%E0%A4%94%E0%A4%B0_/_%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%B0%E0%A5%80&curid=20783&diff=44732&oldid=44610

कृपया नई रचनाएँ जोड़ते समय इन बदलावों का ध्यान रखें। कविता कोश में आपका योगदान प्रशंसनीय है!

सादर

सम्यक ०९:१६, २२ मई २००९ (UTC)

ऋषभ देव शर्मा

चंद्रमौलेश्वर जी,

त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिये धन्यवाद। ऋषभ देव शर्मा का नाम रचनाकारों की सूची में जोड़ दिया गया है।

सादर

--सम्यक ०८:२२, २८ जुलाई २००९ (UTC)

कविता कोश में वार्तालाप

नमस्कार,


कविता कोश में सदस्यों के बीच वार्तालाप को सुचारु बनाने के उद्देशय से मैनें एक लेख लिखा है। कृपया इसे पढ़ें और इसके अनुसार कोश में उपलबध वार्तालाप सुविधाओं का प्रयोग करें। हो सकता है कि आप इन सुविधाओं का प्रयोग पहले से करते रहें हों -फिर भी आपको यह लेख पूरा पढ़ना चाहिये ताकि यदि आपको किसी सुविधा के बारे में पता नहं है या आप इन सुविधाओं का प्रयोग करने में कोई त्रुटि कर रहे हैं तो आपको उचित जानकारी मिल सके।


यह लेख सदस्य वार्ता और चौपाल का प्रयोग नाम से उपलब्ध है।


शुभाकांक्षी

--सम्यक १६:०७, २६ सितम्बर २००९ (UTC)

एक रचना एक से अधिक संग्रहों में...

नमस्कार,


पिछले दिनों अमिताभ जी, श्रद्धा और धर्मेन्द्र कुमार को कविता कोश में रचनाएँ जोड़ते समय एक समस्या का सामना करना पड़ा था। यदि एक ही रचना किसी कवि के एक से अधिक संग्रहों में प्रकाशित हुई हो तो क्या उस रचना को हर संग्रह के लिये अलग-अलग टाइप करना चाहिये? इसका जवाब है "नहीं"...


आज मैनें KKRachna टैम्प्लेट के कोड में कुछ बदलाव किये हैं। इससे अब आप किसी भी रचना को एक से अधिक संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं। इसके लिये आपको संग्रहों के नामों को सेमी-कोलन (;) से अलग करना होगा। उदाहरण के लिये:


{{KKRachna
|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
|संग्रह=परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला";अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
}}


इस उदाहरण में रचना को 2 संग्रहों (परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" और अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला") का हिस्सा बताया गया है। ध्यान दीजिये कि दोनों संग्रहों के नाम सेमी-कोलन (;) से अलग किये गये हैं। इस तरह ज़रूरत पड़ने पर आप किसी रचना को कितने भी संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं।


इस सुविधा का प्रयोग होते हुए आप यहाँ देख सकते हैं: मित्र के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"


आशा है आपको यह सुविधा उपयोगी लगेगी।


सादर


--सम्यक २१:३५, १९ अक्टूबर २००९ (UTC)

बधाई!

चंद्र मौलेश्वर जी,

कविता कोश में 25,000 पन्नें पूरे होने के अवसर पर आपके सहयोग के लिये धन्यवाद और इस उपलब्धि पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई!

शुभाकांक्षी

--सम्यक ०५:१८, २१ नवम्बर २००९ (UTC)