Last modified on 17 जुलाई 2022, at 14:22

सदाजीवी उडीक / चंद्रप्रकाश देवल

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:22, 17 जुलाई 2022 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

थूं कंकू
म्हैं चोखा
लिलाड़ री हद बिना
मिलण रा ई जोखा

थूं सूखै
म्हैं खिरां
प्रीत री इत्ती इज आयस
लिखी व्है तकदीरां

नित हमेस न्यारा-न्यारा पड़्या
आपौआप री डाबी में
उडीकां
आंगळी, अंगोठा, पांणी अर थाळी रौ मेळ
प्रीत ई कैड़ी-कैड़ी चीजां री मारेळ

बस, उडीक री अमर वेल!