Last modified on 12 जून 2017, at 22:27

सनमन / राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:27, 12 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

डगमग करती तिरै
कागद री नावां
स्यांत पाणी मांय
हवळै-हवळै।

सनमन अर हेत
बगै मधरा-मधरा
फगत रंग्या-पुत्या
चै‘रां माथै
हियै बायरा।

लै‘रां री फटकार सूं
आंतरै
समदर जैड़ी ऊंडाई सूं
आंतरै।

कद आयज्या
बायरै रौ फटकारौ
कद आयज्या भूचाळ
खिंडज्या-डूबज्या नावां
उड़ज्या-धुपज्या रंग।