http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%B0_%E0%A4%95%E0%A5%8B_%E0%A4%9B%E0%A5%8B%E0%A4%A1%E0%A4%BC_%E0%A4%95%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A4%B0_%E0%A4%9C%E0%A4%BE_/_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5_%27%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%AC%E0%A4%B0%27&feed=atom&action=historyसफ़र को छोड़ कश्ती से उतर जा / राजेंद्र नाथ 'रहबर' - अवतरण इतिहास2024-03-29T12:27:04Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%B0_%E0%A4%95%E0%A5%8B_%E0%A4%9B%E0%A5%8B%E0%A4%A1%E0%A4%BC_%E0%A4%95%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A4%B0_%E0%A4%9C%E0%A4%BE_/_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5_%27%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%AC%E0%A4%B0%27&diff=94000&oldid=prevद्विजेन्द्र द्विज: नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेंद्र नाथ 'रहबर' |संग्रह= }} {{KKCatGhazal}} <poem> सफ़र को …2010-09-24T14:51:51Z<p>नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेंद्र नाथ 'रहबर' |संग्रह= }} {{KKCatGhazal}} <poem> सफ़र को …</p>
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|रचनाकार=राजेंद्र नाथ 'रहबर' <br />
|संग्रह=<br />
}}<br />
{{KKCatGhazal}}<br />
<poem><br />
सफ़र को छोड़ कश्ती से उतर जा <br />
किसी तन्हा जज़ीरे पर ठहर जा <br />
<br />
हथेली पर लिये सर को गुज़र जा <br />
जो जीने की तमन्ना है तो मर जा <br />
<br />
मुक़ाबिल से कभी हंस कर गुज़र जा <br />
मेरे दामन को भी फूलों से भर जा <br />
<br />
नई मंज़िल के राही, जाते जाते <br />
सब अपने गम़ हमारे नाम कर जा <br />
<br />
ये बस्ती है हसीनों की, यहां से <br />
किसी आवारा बादल सा गुज़र जा <br />
<br />
बरस जा दिल के आंगन में किसी दिन <br />
ये धरती भी कभी सेराब कर जा <br />
<br />
तू ख़ुशबू है तो फिर क्यों है गुरेज़ां <br />
बिखरना ही मुक़द्दर है बिखर जा <br />
<br />
ज़माना देखता रह जाये तुझ को <br />
जहां में कोई ऐसा काम कर जा <br />
<br />
इधर से आज वो गुज़रेंगे 'रहबर` <br />
तू ख़ुशबू बन के रस्ते में बिखर जा <br />
</poem></div>द्विजेन्द्र द्विज