Last modified on 21 नवम्बर 2010, at 03:40

सबसूं पैली / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:40, 21 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>बै समझावै- लड़ो ! लड़णो धरम है धरती अर मिनख नै बचावण खातर लड़ो …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बै समझावै-
     लड़ो !
लड़णो धरम है
धरती अर मिनख नै
बचावण खातर लड़ो

शुरू हुवै लड़ाई
सबसूं पैली
चींथाजै धरती
मरै मिनख !