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सबसे जटिल कार्य दुनिया में,वचन का फ़र्ज़ निभाना भी / अनीता सिंह

सबसे जटिल कार्य दुनिया में, वचन का फ़र्ज़ निभाना भी
लेट के शर की शैय्या पर पड़ता है क़र्ज़ चुकाना भी।

मुश्किल में भी मुस्काने का, रखते हैं कुछ लोग हुनर
कमज़ोरी साबित करता है, ग़ुस्से में आ जाना भी।

सहनशीलता को कमज़ोरी जब भी समझा जाए तो
सहनशील को आवश्यक है तब ताक़त दिखलाना भी।

छली गई जब कोई अहल्या, प्रस्तर होकर दंड सहा
इंद्र को लेकिन शापित होकर, पड़ा वहीं पछताना भी।

कई बार प्रतिकूल समय में, वचन तोड़ना पड़ता है
कुरुक्षेत्र में केशव को, पड़ गया था शस्त्र उठाना भी।