Last modified on 31 मार्च 2020, at 19:38

समझौता / रघुवीर सहाय

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:38, 31 मार्च 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रघुवीर सहाय |अनुवादक= |संग्रह=एक स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

एक भयानक चुप्पी छाई है समाज पर
शोर बहुत है पर सच्चाई से कतरा कर गुज़र रहा है

एक भयानक एका बाँधे है समाज को
कुछ न बदलने के समझौते का है एका

एक भयानक बेफ़िक्री है
पाठक अत्याचारों के क़िस्से पढ़ते हैं अख़बारों में
मगर आक्रमण के शिकार को पत्र नहीं लिखते हैं
सम्पादक के द्वारा

सभी संगठित दल विपक्ष के
अविश्वास प्रस्ताव के लिए जुट लेते हैं
एक भयानक समझौता है राजनीति में
हर नेता को एक नया चेहरा देना है ।