Last modified on 16 नवम्बर 2009, at 03:18

समय-4 / दुष्यन्त

समय नहीं है
घड़ी में
घंटा-मिनट-सैकंड की
सूई का मोमेंटम

समय है इतिहास के पन्नों पर
अंकित होते
आखर-आखर
दुख, सुख, खुशियाँ, नाकामयाबियाँ और
कामयाबियाँ...

सचमुच समय नहीं है
केवल
घड़ी की सूईयों में क़ैद।

 
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा