Last modified on 25 अप्रैल 2013, at 09:55

समय की बात / उदय भान मिश्र

शायद मेरा खत
उन्हें नहीं मिला!
शायद मेरी याद
उन्हें नहीं आयी,
शायद वे व्यस्त है
जरूर लिखेंगे मुझे,
शायद वे नहीं
लिखेंगे
शायद वे भूल जाना
चाहते है
मुझे-
उत्तर नहीं आने पर
यही सब
मैं सोचता हूं।