Last modified on 5 जुलाई 2020, at 15:18

समय गीत / किसलय कृष्ण

क्षण में छनाक भ' रहल सगरे, दुनियाँ भरि कोहराम लगय
नगर-शहर में त्राहिमाम, झुझुआन जेना सभ गाम लगय

मज्जर बीच कोइली उदास
नोरायल छैक कुकुरो उपास
पंछी खोंता में भेल संचमंच
मनुक्खक बन्द घर में निवास...
सभ एक दोसरा सँ डेरा रहल, दृश्य एक्के सभ ठाम लगय
क्षणमे छनाक भ' रहल सगरे, दुनियाँ भरि कोहराम लगय

छै रोटी लेल रकटैत लोक
राजमार्ग पर भटकैत लोक
जिनगी तकबाक ब्योंत मे
मृत्यु में आइ लटकैत लोक
प्रकृतिक डाङ ई बेसम्हार, अन्हारे आब आठो याम लगय
क्षणमे छनाक भ' रहल सगरे, दुनियाँ भरि कोहराम लगय

अस्पताल में नहि कोनो यंत्र
सरकार अदौसँ बस भ्रष्टतंत्र
घरहि बन्द रहू सदिखन सभ
यैह टा बाँचल अछि मूलमंत्र
नव भोरक बाट निहारी हम, जगभरि सुन्न मसान लगय
क्षण में छनाक भ' रहल सगरे, दुनियाँ भरि कोहराम लगय