भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

समय से ज्ञान होता है / हरिवंश राय बच्चन / विलियम बटलर येट्स

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तरु में अनगिन पत्ते होते,
मूल, मगर, होता है एक;
मैंने पत्ते-फूल दिखाए,
यौवन के सब दिन झुठलाए,
अब मुझको बूढ़ा होने दो
हाथों में ले मूल-विवेक;
तरु में अगणित पत्ते होते,
मूल, मगर, होता है एक ।

मूल अँग्रेज़ी से हरिवंश राय बच्चन द्वारा अनूदित

लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
              William Butler Yeats
      The Coming of Wisdom with Time

THOUGH leaves are many, the root is one;
Through all the lying days of my youth
I swayed my leaves and flowers in the sun;
Now I may wither into the truth.