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सरहद / निशान्त

समझ पकड़ते ही
सुनने लगा था मैं
उसके बारे में
एक तो यह कि वह कोई
ज्यादा दूर नहीं है
हमारे गाँव से
दूसरा उसका बनना
मेरी आयु से
सीधा जुड़ा था;
मेरे अनपढ़ माता-पिता
कहते
उसके बनने के दो साल बाद
पैदा हुए थे तुमद्ध
हमारे छुटपन में
वह ऊँटों की चोरी के लिए
बदनाम थी
हमारे इधर जब भी कोई
ऊँट चुराया जाता
हम यही सुनते कि
वह हो गया उस पार
पहुँचते-पहुँचते मेरे
जवानी की दहलीज पर
उस पर छिड़ गया युद्ध
पहला युद्ध
खाली होने लगे
गाँव के गाँव
बूढ़े, बच्चों और औरतों को
भेजा जाने लगा दूर
लेकिन मैंने साफ मना कर दिया
मैं शामिल होता रात को
पहरा देने वालों में
और देखते
उस पर उठते
लाल! लाल! आग के गोले
खैर! यह सब शांत हो गया
कुछ ही दिनों में और
कुछ ही सालों में लगने लगा
कि जैसे कुछ हुआ ही न हो
हमारे दिलों में
उस पार जाने की
बड़ी लालसा रहती
भ्रमण के लिए
खुला पड़ा था
सारा भारत
लेकिन हमारा जी न जाने क्यों
हमेशा लाहौर की ओर ही
उड़ता था
हम सुनते कि
उस पर बन चुकी है
जगह-जगह चौकियाँ
जहाँ जाकर लोग देखते हैं
दूरबीन से पाकिस्तानी इलाका
कइयों के लिए तो यह कुछ दिन
पिकनिक मनाने का ढंग भी रहा
संयोग से एक दिन
यह अवसर मेरे भी हाथ आया
लेकिन कोई खास
मजा नहीं आया
सपनों में मैं कई बार
डरे-डरे अनजानी जगहों में घूमता
वे जगहें जरुर
उस पार की थी।