Last modified on 29 अक्टूबर 2013, at 14:15

सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा / अवधी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा
सास खाए बर्फी ननद खाए प़ेड़ा
मैं बेचारी रबड़ी खाऊन
दोना चाटे सैय्याँ -----सरोता
सास को लाये एटलस ननद को मखमल
मैं बेचारी रेशम पहनूं
टाट लपेटे सैय्याँ ------सरोता
सास म्हारी रिक्शा चाले नन्द चढ़े तांगा
मई बेचारी मोटर चालूँ
पैदल चाले सैय्याँ -----सरोता
सासू म्हारी खटिया सोवें ननन्द बिछोना
मैं बेचारी पलन्गा सौउं
भुइयां सोवें सैय्यां ---सरोता